"अछि दुर्दशा"
कवि महान
पर्व त मनेलहुं
सौंसे ढिंढोरा
फोटो त छल
कोना में हेरायल
अछि दुर्दशा
पाग दुपटा
नहि जानथि मोल
मंच आसीन
चंदा भेटल
व्यवस्थापक हम
त बूझत के
ढर्रा बनल
किया बदलि हम
अछि बहाना
लाखक खर्च
नहि अछि उद्देश्य
होय कल्याण
नेता ज्यों वक्ता
संस्कृतिक उत्थान
होयत कोना
-कुसुम ठाकुर-