Monday, April 2, 2012

अछि दुर्दशा

 "अछि दुर्दशा"

कवि महान 
पर्व त मनेलहुं 
सौंसे ढिंढोरा 

फोटो त छल 
कोना में हेरायल 
अछि दुर्दशा 

पाग दुपटा 
नहि जानथि मोल 
मंच आसीन 

चंदा भेटल 
व्यवस्थापक हम 
त बूझत के 

ढर्रा बनल 
किया बदलि हम  
अछि बहाना 

लाखक खर्च 
नहि अछि उद्देश्य 
होय कल्याण 

नेता  ज्यों वक्ता 
संस्कृतिक उत्थान  
होयत कोना  

-कुसुम ठाकुर-